स्वर विज्ञान के साथ करें अपने शुभ कार्य की शुरुआत

स्वर विज्ञान एक ऐसा विज्ञान है जिसकी मदद से हम अपने सभी कार्यों को शुभ कार्यों में बदल सकते हैं और सकारात्मक ऊर्जा के साथ कार्यों को पूर्ण भी कर सकते हैं। स्वर विज्ञान हमें यह सिखाता है कि किस प्रकार हम अपने सही स्वर का सही उपयोग करके किसी शुभ कार्य की शुरुआत कर सकते हैं। आज के इस ब्लॉग में हम जानेंगे कि जब हमें घर से बाहर जाना हो या कोई महत्वपूर्ण कार्य करना हो, तो किस स्वर का चलना आवश्यक है और हमें किन बातों का ध्यान रखना चाहिए, साथ ही जानेंगे कि स्वर विज्ञान के साथ शुभ कार्य की शुरुआत कैसे करें

स्वर कैसे चेक करें?

स्वर विज्ञान के साथ शुभ कार्य की शुरुआत कैसे करें ये जानने से पहले स्वरों का ज्ञान होना अति आवश्यक है। क्योंकि सही स्वर के साथ ही आप अपने कार्यों को ना केवल पूर्ण कर सकते हैं बल्कि उन कार्यों से लाभ भी प्राप्त कर सकते हैं। इसलिए जब भी आप किसी महत्वपूर्ण कार्य के लिए घर से बाहर जा रहे हों, सबसे पहले अपने स्वरों को चेक करें। इसका तरीका बहुत सरल है:

  • अपनी उंगलियों को नासिक (Nostrils) के नीचे रखें।
  • गहरी सांस लें और छोड़ें। ध्यान दें कि कौन सी नासिका से श्वास अधिक प्रेशर से बाहर आ रहा है।
  • जिस नासिका से श्वास ज्यादा प्रेशर से बाहर आ रहा है, वह नासिका इस समय चलित (Active) है। 
  • अगर आपकी दोनों नासिकाएं चल रही हैं, तो उस समय किसी कार्य की शुरुआत न करें। केवल पूजा – पाठ – साधना ही कर सकते हैं।
  • पहले किसी एक नासिक के चलने का इंतजार करें उसी के बाद आप कार्य की शुरुआत करें। 

घर से बाहर निकलते समय ध्यान देने योग्य बातें

यदि आपका  दायां (Rightt) स्वर (पिंगला नाड़ी, सूर्य स्वर) चल रहा है, ऐसे समय में

  • दायें हाथ (Right Hand) का उपयोग करें। दरवाजा खोलते समय या कोई अन्य काम करते समय दायें हाथ (Right Hand) का प्रयोग करें।
  • जब आप गेट से बाहर निकलें, तो पहले दायां कदम (Right Leg) गेट से बाहर रखें।
  • सांस को खींचते समय मन ही मन काम के प्रति सकारात्मक सोचें कि आपका काम सफल हो गया है या हो रहा है। इस सकारात्मक ऊर्जा के साथ ही पहला दायां कदम बाहर रखें।

किसी स्थान पर पहुंचने के बाद क्या करें?

जब आप किसी शुभ कार्य के लिए किसी के घर या ऑफिस में पहुंचते हैं, तो फिर से अपने स्वरों को चेक करें। 

  • यदि बायां (Left) स्वर (ईड़ा नाड़ी, चंद्र स्वर) चल रहा है, तो यह सही समय माना जाता है। 
  • लेकिन यदि दांया (Right) स्वर (सूर्य स्वर) चल रहा हो, तो थोड़ा रुकें और अपने स्वर को बदलने का प्रयास करें। 
  • बायां (Left) स्वर (चंद्र स्वर) के एक्टिव होने पर ही प्रवेश करना शुभ माना जाता है।
  • दरवाजे की बेल बजाते समय बांए हाथ (Left Hand) का इस्तेमाल करें।
  • दरवाजा खोलने के लिए भी बांए हाथ (Left Hand) का प्रयोग करें।
  • जब घर के अंदर प्रवेश करें, तो अपनी इच्छाओं और सफलताओं को ध्यान में रखते हुए सांस खींचें और फिर पहला बायां कदम अंदर रखें।

बात-चीत और बैठक के समय विशेष ध्यान रखने योग्य बातें –

  • बैठते समय भी आपके स्वरों की स्थिति महत्वपूर्ण होती है। अगर आपका बायां (Left) स्वर सक्रिय है, तो कोशिश करें कि सामने वाली पार्टी आपके बांए ओर (Left Side) बैठे। 
  • अगर आपका दांया (Right) स्वर स्वर सक्रिय है तो, कोशिश करें कि सामने वाली पार्टी आपके दांए ओर (Right Side) बैठे। 

इसका मतलब यह है कि आपको महत्वपूर्ण कार्य की बात करते समय अपने चलित (Active) स्वर को समझ कर उसी का उपयोग करना है, जिससे कार्य के पूर्ण होने की संभावनाओं को शत-प्रतिशत बढ़ाया जा सके। 

# शरीर की स्थिति और पैर क्रॉस (Cross Leg) करने से बचें

शुभ कार्य करते समय या किसी महत्वपूर्ण बैठक में, हमेशा ध्यान रखें कि आपके पैर क्रॉस (Cross) न हों। ऐसा करने से ऊर्जा प्रवाह में बाधा उत्पन्न हो सकती है। सीधे बैठें और अपने शरीर को खुला रखें, ताकि आपकी सकारात्मक ऊर्जा सामने वाले व्यक्ति तक पहुंचे।

निष्कर्ष

स्वर विज्ञान एक अत्यंत प्राचीन और प्रभावशाली विज्ञान है, जो हमें हमारे दैनिक कार्यों में सफलता दिलाने में सहायक हो सकता है। चाहे वह किसी से मुलाकात हो या कोई नया व्यापारिक निर्णय हो, या फिर कोई और शुभ कार्य। अपने स्वरों की सही स्थिति को पहचान कर हम अपने हर कार्य को मंगलमय बना सकते हैं।

तो अगली बार जब आप किसी शुभ काम के लिए निकलें, तो स्वर विज्ञान का प्रयोग करें और स्वर विज्ञान के साथ शुभ कार्य करते हुए अपनी सफलता को सुनिश्चित करें। 

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